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Saturday 2 January 2016

Sheikh Baqir Nimr ki Shahadat aur Saudi Hukumat


शेख बाकिर अन निम्र कौन थे?

सऊदी अरब के मशहूर आलिमे दीन और एक्टिविस्ट शेख बाकिर निम्र जिन्हें सऊदी अरब ने 2 जनवरी 2016 को बेगुनाह फांसी की सजा दे कर शहीद कर दिया; वे सऊदी अरब के एक जानी मानी हस्ती थे.
शेख निम्र 1968 में सऊदी अरब के ईस्ट में मौजूद अल-कतिफ़ एरिया के अल-अवामिया शहर में पैदा हुए थे. बड़े होने पर श्रुवाती पढाई उन्होंने अल-अवामिया शहर में हासिल की और 1989 में ईरान में इन्केलाब के बारे में ज्यादा जानकारी पाने के लिए ईरान का सफ़र किया और तेहरान के एक मदरसे में दीनी तालीम हासिल करने लगे.

शेख निम्र ने दस साल तक तेहरान के दीनी मदरसे में तालीम हासिल करने के बाद सीरिया का सफ़र किया और वह आगे की पढाई जारी रखी.

उन्होंने तेहरान और सीरिया में दीनी तालीम हासिल करने के दौरान बड़े बड़े ओलेमाओ से इल्म हासिल किया.

उन्होंने सऊदी अरब वापसी के बाद हज़रात क़ायम मदरसे की बुनियाद डाली और साल 2011 में इस्लामिक सेंटर शुरू किया.

शेख बाकिर निम्र को पहली बार साल 2006 में सऊदी पुलिस ने हिरासत में ले लिया, उन्हें बहरैन में कुरान फेस्टिवल में भाग लेने के बाद वापसी के वक़्त सऊदी अरब में हिरासत में ले लिया गया था.
उन पर इलज़ाम था की इस फेस्टिवल में उन्होंने, जन्नतुल बकी की तामीर और सऊदी अरब में शिया कम्युनिटी को उसके हक दिए जाने की मांग की थी.

अगस्त 2008 में शेख निम्र को दोबारा गिरफ्तार किया गया. इस बार उन पर इलज़ाम था की उन्होंने सऊदी अरब के शिया कम्युनिटी को सरकार के खिलाफ भड़काने की कोशिश की है लेकिन शिया मुसलमानों में बढती नाराज़गी के वजह से उन्हें 24 घंटो के बाद रिहा कर दिया गया. लेकिन मार्च 2009 में उन्हें फिर गिरफ्तार कर लिया गया.

अस्ल में शेख बाकिर निम्र हमेशा अपनी तकरीरों में सऊदी सरकार की खास कर ईस्टर्न एरिया में सरकार के सौतेले बर्ताव के वजह से शिकायत करते थे. वे हमेशा कहा करते थे की सच्ची बात कहने में उन्हें डर नहीं लगता भले ही उन्हें जेल में डाला जाए या मौत की सजा दी जाए.

वो कहते थे की सऊदी मीडिया, मुफ़्ती और ओलेमा सरकार के हाथो बीके हुए है और यह सब मिल कर सऊदी अरब में शिया सुन्नी मतभेद पैदा कर के राजाशाही को जारी रखने की कोशिश कर रहे है.

बार बार गिरफ्तार किये जाने और तकलीफे दिए जाने के बावजूद शेख निम्र ने हमेशा सऊदी सरकार के ज़ुल्म को बुरा कहा और कहते थे की आखरी सास तक वे सऊदी अरब के लोगो के हक के लिए लड़ते रहेगे.

अफ़सोस के आज शेख बाकिर निम्र की शहादत की खबर बड़े ही हैरतंगेज़ तरीके से मोमेनीन को मिली.
आज हमारा पैग़ाम है यहूदी सऊदी हुक्मरानों को.. तुम लोग कुछ लोगो को शहीद तो कर सकते हो लेकिन हमारी फ़िक्र को ख़त्म नहीं कर सकते.

यज़ीद (ल) ने भी इमाम हुसैन (अ) को शहीद किया था.. लेकिन इमाम हुसैन (अ) आज भी जिंदा है और यज़ीद (ल) का नामो निशान नहीं है.

हम इमाम हुसैन (अ) के चाहने वाले शहादत को बहोत पसंद करते है और मौत से डरते नहीं. लेकिन तुम लोगो ने ये साबित कर दिया की तुम आज यज़ीदियत की राह पर गामज़न हो.

हम हमेशा हक और इन्साफ का साथ देते रहेगे और अपने खून की आखरी बूँद तक लड़ते रहेगे. हमारी राह “हैहात मिन्नज़ ज़िल्ला” की राह है.. हम कभी ज़िल्लत के रास्ते पर और ज़ुल्म के सामने तस्लीम नहीं होने वाले.

मौत से हमे नहीं डराया जा सकता... मौत तो मोमिन को राहे हुसैन (अ) से मिला देती है.

सऊदी हुकूमत ने ये काम उस वक़्त किया है जब इराक में रुमादी ISIS के चुंगल से आज़ाद हुआ और उनके एक बड़े आतंकी लीडर अरौश की मौत हुई.

सऊदी ने फिर एक बार साबित कर दिया के उसका ISIS आतंकवादियों के साथ कितना गहरा रिश्ता है.
शेख निम्र की शहादत बता रही है की सीरिया और इराक में ISIS के नुकसान से सऊदी अरब को कितनी ठेस पहुची है.

सऊदी ने कभी इजराइल और अमेरीका के खिलाफ एक लफ्ज़ तक नहीं बोला है लेकिन बेकस और लाचार मुसलमानों पर अपनी ढोस जमाते रहता है. गाजा पर इजराइल के ज़ालिमाना हमले के दौरान सऊदी अरब के मुह से एक लफ्ज़ तक नहीं निकला था.

यमन और बहरैन में सऊदी हमलो ने हज़ारों बेगुनाह मुसलमानों की जाने ली है.

सऊदी आज मुसलमानों का खुला हुआ दुश्मन है; जिस तरह से यमन में शिया अन्सारुल्लाह और शाफई सुन्नियो की जान ले रहा है और लाखो लोगो को बेघर कर रहा है.

ये वोही सऊदी अरब है जिसने अपने आप को इसी साल के हज के बाद मुबारकबाद पेश की थी.. जबके हज में भगदड़ मचने की वजह से हजारो हाजियों की जाने चली गई थी.

दुनिया में लगभग हर एक आतंकवादी को इसी सऊदी से पैसे मिलते है.

आतंकवादियों की सलाफी सोच भी सऊदी अरब से ही पनपती है.

जहा एक तरफ यह सऊदी खुल कर यमन और बहरैन में मुसलमानों पर हमले कर रहा है.. वही दूसरी तरफ सीरिया और इराक में आतंकवादियों की मदद कर रहा है. लेकिन इसने कभी इजराइल और अमेरीका को बुरा नहीं कहा.

सऊदी बादशाह हमेशा से अमेरिकन गवर्नमेंट के वफादार रहे है.

इस जुर्म में सऊदी अकेला नहीं है... इस जुर्म में अमेरीका और इजराइल के भी हाथ रंगे हुए है.

अल्लाह की लानत हो आले सूद पर और उनके माई बाप अमेरीका और इजराइल पर.

हम आज आवाज़ देते है तमाम मुसलमानों पर के वो खड़े हो इस अमेरिकन पिट्टू रेजीम के सामने. मुसलमानों को इस नजासत से निजात लेनी ही होगी... वो नजासत जो मुसलमानों को एक दुसरे से तोड़ने और फिरको में बाटने के पीछे लगी हुई है और अपने माई बाप, अमेरीका और इजराइल के हुक्म पर काम कर रह है.

आज सभी मोमेनीन का फ़रीज़ा है की वो सऊदी हुकूमत के खिलाफ खड़े हो और उन्हें और उनके माई बाप के खिलाफ एहतिजाज दर्ज करे.

#AaleSaud are #AaleYahood

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