सय्यद हसन नसरल्लाह की स्पीच
(यमन, इराक, सीरिया, लेबनान, फिलिस्तीन पर)
- सबसे पहले मैं आप लोगो को ये बता दू की सऊदी सरकार येमेनियों पर अपना हमला “द स्ट्रोम” ख़त्म कर के एक नया तोहफा “रेस्टोरिंग होप” के नाम से दे रही है
- सऊदी सरकार, उसके अफसरान, आर्मी और गल्फ मीडिया “स्ट्रोम” की कमियाबी का जश्न मना रहे है
- ये लोग कहते है की “स्ट्रोम” अरबो और अरबिस्म के लिए था, मैं एक अरब होने के नाते पूछना चाहता हु की इसके ज़रिये क्या हासिल हुआ?
- क्या सऊदी सरकार यमन के भागे हुए राष्ट्रपती को वापस ला पाई? क्या सऊदी फौजे यमनी फ़ौज को आगे बढ़ने से रोक पाई?
- क्या सऊदी सरकार यमन में ईरानी दबदबे को कम कर पाई?
- अल्लाह ने अपनी तरफ से सऊदी सरकार को हार का मज़ा चखाया है और उसने अपनी जानिब से यमानियों को जीत और फतेह दी है
- पहले ऑपरेशन को ख़त्म कर के दुसरे को शुरू करना सिर्फ इसलिए है की वो अपनी नाकामी को छुपा पाए
- जैसे की मैंने पहले कहा है और अब भी कह रहा हु की यमन पर इस हमले का एक ही मकसद है और वो है की यहाँ अमेरिकी – सऊदी बेडा बनाना
- और अगर इसके खिलाफ यमनी लड़ाई करते है या इसे बनने नहीं देते, तो फिर वो लोग इस बात के लिए भी आमादा है की यमन को बरबाद तक कर दे
- इस हमले में सऊदी आर्मी ने यामनियो पर ऐसे हथियारों का भी इस्तेमाल किया है जो इंटरनेशनल लेवल पर बंधित है
- सऊदी अरब ने हर किस्म की इंसानी मदद को भी रोक रखा है; और साथ ही वह के एयरपोर्ट्स भी बरबाद कर दिए है
- इन सब के साथ, सऊदी सरकार ने किसी भी किस्म के पोलिटिकल सलूशन को भी नकार दिया है जिसमे ये बात आगे राखी गई थी कि दोनों देशो में किसी न्यूट्रल जगह पर बात चित हो
- एक और वजह जिसकी बिना पर उन्होंने अपने ऑपरेशन का नाम बदला वो ये था की वो दुनिया को बेवकूफ बनाना चाहते है और ये दिखाना चाह रहे है कि उन्होंने लोगो की जान लेना बंद कर दी है.
- यमनी मुक़वामत (रेजिस्टेंस) जिसमे वह के काबिले और आर्मी शामिल है, आगे बढ़ रहे है, और आप देखेगे की वो धीरे धीरे जीत के करीब जाएगे
- यमन में हो रहे क़त्लो घरात और बरबरियत के खिलाफ दुनिया और इंटरनेशनल कम्युनिटी की जिम्मेदारियां है, और वे उसे नकार नहीं सकते
- जा कर ज़ालेमिन से कह दो: जा कर विएतनाम, ग़ाज़ा और लेबनान को देख लो: इस तरह अवाम को मारने से मुक़वामत (रेजिस्टेंस) ख़त्म / कमज़ोर नहीं होता
- इसके उलट, आपके ये हमले लोगो को मुक़वामत से और ज्यादा करीब कर देगे
- इसके साथ ही मैं इराक़ पर भी बात करना चाहता हु
- ISIS के आगे बढ़ने के बाद अमेरिका ने एलान किया के हम एक ग्रुप बना रहे है जो ISIS को रोक सके
- मैं फिर से दोहराता हूँ; अमेरीका को ISIS को रोकने में कोई फाएदा नहीं है, वो लोग बस अपना एजेंडा मिडिल ईस्ट में लाना चाहते है, और वो है पार्टीशन का, फिरका परस्ती का
- अमेरीका और इजराइल चाहते है की सीरिया और इराक फिरको की बुनियाद पर बट जाए; वो हमें टुकड़ों में देखना पसंद करते है
- अमेरिकी कांग्रेस इराकी सरकार को एक शिया गिरोह के रूप में देखती है, वे इसे इराकी सरकार नहीं मानना चाहते और इसे टुकड़ों में देखना पसंद करते है
- लेकिन इराकी सेना एक जुट हो कर, सभी फिरकों और लोगो को साथ ले कर, आगे बढ़ रही है और इराक को आज़ाद करा रही है
- नजफ़ के आला मज़हबी रहनुमा सिर्फ एक मज़हब या फिरके के बचाओ की बात नहीं कर रहे, बल्कि पुरे इराक की हिफाज़त की लहर चला रहे है
- अमेरीका इसे पसंद नहीं करता; बल्कि वो किसी एक खास गिरोह को हथियार और माल दे कर लोगो में और बटवारा पैदा करना चाहता है
- नजफ़ के मज़हबी रहनुमाओ ने अमेरीका के इस प्लान की तरफ लोगो को कई बार आगाह भी किया है
- ये हम सब को जान लेना चाहिए की जो अमेरीका प्लान कर रहा है वह बहोत खतरनाक है; इराक, सीरिया, यमन, सऊदी.. सब के टुकड़े करना चाहते है
- मैं उन्हें चेतावनी देना चाहता हु जो अमेरीका के साथ मिल कर ये मक्कारी कर रहे है; उनकी भी बारी जल्द आएगी
- यह इलाका और यहाँ के लोगो का मकसद और तकदीर एक ही है; हम कभी अलग नहीं होगे; हम एक ही रहेंगे
- हमारी नस्लें उस गलती को नहीं दोहराए जिस गलती को पिछली नस्ल ने किया था; वो है “मस्लाए फिलिस्तीन”
- खुलासा ये है कि अमेरीका का हमारे इलाके में जो प्लान है उसे रोकना ज़रूरी है
- अगर सीरिया की बात करें तो जिस्र-अल-शुगुर की हार के बाद बहुत सी अफवाहे उडी और हमें बताया गया की असद की सरकार हार रही है. यह भी कहा गया की सीरियन आर्मी हार गई है और उसके साथी साथ छोड़ कर भाग गए है.
- सबसे पहली बात ये है कि हमें अफवाहों पर ध्यान देने की कोई ज़रूरत नहीं है और खास तौर पर सीरिया में बारे में गढ़े जा रहे झूटी अफवाहों पर. हम ज़माने से सुन रहे है की सीरियन सरकार गिर रही है, लेकिन हकीक़त कुछ और है.
- कुछ अफवाहें फिरकावाराना है; जैसे की अलवी कबीला सीरिया का दरयाई किनारा छोड़ कर लेबनान की तरफ भाग रहा है
- ईरान ने सीरिया को नहीं छोड़ा है और ऐसा भी कोई इशारा नहीं है की रूस ने सीरिया को छोड़ दिया है
- और ऐसा भी नहीं है की ईरान ने सीरिया को धोका दे दिया या रूस ने – ये सब मनघडत अफवाहें है
- ऐसा कैसे मुमकिन हो सकता है की सीरियन आर्मी बिखर जाए; जबकि वो कई मुहाज पर एक साथ लड़ भी रही है और आगे भी बढ़ रही है
- हेज्बुल्लाह हमेशा अपने सीरियन भाइयों के साथ खड़े रहेगी; ये हम सबकी लढाई है
- क़लामोउन के बारे में बात करे तो मैंने उस मुहाज पर कई बार चेतावनी दी है, लेकिन कुछ लोगो के अपने विचार है
- हम ये नहीं कह रहे की क़लामोउन की जानिब से हमें खतरा है; असल खतरा इन आतंकवादियों की तरफ से है
- लेबनानी सरकार इस तकफिरी खतरे से अपनी ज़मीन और लोगो की हिफाज़त करने में कारामद नहीं है; इसीलिए हमें ही कुछ करना होगा. अगर ऐसा ना होता तो हम कभी कुछ ना कहते.
- लेकिन अगर हम लेबनान में इस मुद्दे पर सहमति के लिए रुके तो जल्द ही हम इसरायली कब्ज़े में होगे. और येही क़लामोउन के बारे में भी है
- सरकार कोई फैसला नहीं ले पा रही है, और अगर वो फैसला लेती है तो हम उसके इस फैसले के साथ खड़े होगे
- हम लोग अपनी जान और खून से अपने मुल्क की हिफाज़त करते है, और इसकी इज्ज़त और वकार के लिए हमेशा आमादा है
- जो लोगो आज हथियारो से लैस गिरोह को आगे ला कर ये बता रहे है की वो हालात काबू में कर लेंगे; वो गलती कर रहे है. वो लोग आतंकियों को नहीं रोक सकते और न ही उनकी बरबरियत को और न उनके फैलाव को. ये आतंकी सभी के लिए एक बहोत बड़ा खतरा है
- अल्लाह मुजाहिदीन को जीत की उम्मीद दे ताकि वो अपने देश की, लोगो की, इज्ज़त की, आज़ादी की, मुक़द्दस जगहों की हिफाज़त कर सके और हम की ज़िम्मेदारी को काबुल करते है.
- वस सलामुन अलैकुम व रेह्मतुल्लाहे व बरकतोह
- स्पीच ख़त्म होती है
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